बोलो भगत सिंह, बिस्मिल, अश्फ़ाक - The Red Carpet

Breaking

The Red Carpet

“Your Opinion Matters”

Post Top Ad

Post Top Ad

Tuesday, May 19, 2020

बोलो भगत सिंह, बिस्मिल, अश्फ़ाक





बोलो भगत सिंहबिस्मिलअश्फ़ाक 
जब तुम ज़िंदा थे क्या तब भी 
लोग बुलाते थे तुमको कहकर 
आतंकवादीहत्यारादंगाई 

क्या तुम भी डरते थे 
कुछ कहने-करने से 
सरकारों के ख़िलाफ़ 
सत्ता के अन्याय के ख़िलाफ़ 

या लड़ते थे तुम 
अपने देश के लिए जी जान लगाकर 
बिना परवाह किए अंधों 
और अज्ञानियों के लांछनों की 

पढ़ा है मैंने तुमको
जाना है तुमको जी कर 
तुम निडर थेअडिग थे 
अपनी राष्ट्र्भक्ति पर 

आज वो लोग तुम्हारा सहारा 
लेते हैं ताकि धो सकें 
ख़ुद के पापजो किए थे उन्होंने 
तुम्हारे ख़िलाफ़ होने पर 

हैं अंधे लोग आज भी 
जो नाम लेते हैं तुम्हारा 
मगर जानते नहीं तुम्हें 
कि तुम क्यों लड़ते थे 

तब भी थे बहुत लोग 
जो खड़े थे सत्ता के साथ
और कहते थेहो तुम ही 
समाज के दुश्मन 

मगर तुमचिंता  करना 
तब भी तुम कुछ ही थे 
आज भी हम कुछ ही हैं 
मगर तुम्हारी ताक़त ज़िंदा हैं 

तुम्हारी सोच ज़िंदा है 
जो थी सारी बंदिशों से परे 
जो थीदेश के ग़रीबोंमज़लूमों
मासूमों के साथहर अन्याय के ख़िलाफ़ 

तुम ज़िन्दा हो हम सब में 
तुम्हारे विचार ज़िंदा हैं 
तुम्हारी बातें ज़िंदा हैं 
तुम्हारे लोग ज़िंदा हैं 

तुमने बताया था हमें 
आज़ादी क्या है?
उसी आज़ादी की लड़ाई 
चल रही है अब तक 

हमें माफ़ करनाहम 
नहीं कर पाए अब तक 
सपना पूरा तुम्हारा 
तुम्हारे साथियों का 

माफ़ करना हमें 
हमने मौक़ा दिया लोगों को 
अंधा हो जाने का 
डरने काग़ुलाम हो जाने का 

आज फिर से दिलाते हैं 
तुम्हें यक़ीनलड़ेंगे तब तक 
जब तक तुम्हारा सपनातुम्हारी आज़ादी 
पा नहीं लेते
सत्ता के घमंडियों से 

तुम यक़ीं रखना 
तुम्हारी आज़ादीतुम्हें मिलेगी 
भरोसा रखना और दिखाते रहना 
हमें रास्तातुम्हारी आज़ादी का।

No comments:

Post a Comment

We would be happy to hear you :)

Post Bottom Ad